नई दिल्ली : पिछले कई दशकों से भ्रष्ट सरकारों ने भारत को लाचार बना के रख दिया था, जिससे नेताओं ने अपनी तिजोरियां अरबों रुपयों से भरी और सरकारी तिजोरी को खाली कर दिया. उस नुकसान का खामियाजा भारत को उठाना पड़ा. हज़ारों करोड़ों की डील करके कांग्रेस विदेश से हथियार खरीदती रही वो भी पुरानी तकनीक वाले, जिससे आये दिन लड़ाकू विमान, पनडुब्बी के हादसे देखने को मिलते थे.
मोदी राज में भारत ने दिखाई दुनिया को बेशुमार ताकत, दंग रह गए अमेरिका रूस, जर्मनी
अपने कभी सोचा था कि जो भारत दूसरों से हथियार ख़रीददता था वो कभी दूसरे देशों को हथियार बेच सकेगा. जी हाँ, मोदी सरकार में केवल चार सालों में भारत की पहचान फर्श से अर्श पर पंहुचा दी है. आज भारत दूसरे देशों के आगे हाथ नहीं फैलाता बल्कि आज भारत अपने ही देश में हथियार बना रहा है और दूसरे देशों को हथियार बेच रहा है और खाली हो चुके सरकारी खजाने को लबालब भर रहा है. भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 423 अरब डॉलर पहुंच चुका है जो 2014 से पहले 279 अरब डॉलर का था.
तो वहीँ अब भारत में डिफेन्स एक्सपो 2018 की दमदार शुरुआत हो रही, जिसमे एक बार फिर पूरी दुनिया के 47 दिग्गज देश की नामी कंपनियां भारत में आयी हैं. चेन्नई में डिफेंस एक्सपो-2018 दुनिया भर से आए रक्षा क्षेत्र के व्यापारियों जमा हुए हैं.
गुरुवार को एक्सपो का पीएम मोदी ने औपचारिक उद्घाटन किया. चार दिनों की इस प्रदर्शनी में भारत के रक्षा और सार्वजनिक क्षेत्र की ताकत दिखाई जाएगी और रक्षा क्षेत्र में निजी उद्योग की बढ़ती भूमिका को भी उजागर किया जाएगा.
अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, अफगानिस्तान और स्वीडन, फिनलैंड 47 देश आये भारत
इसमें अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, अफगानिस्तान और स्वीडन, फिनलैंड, इटली, मैडागास्कर, म्यांमार, नेपाल, पुर्तगाल, सेशेल्स और वियतनाम सहित 47 देश भाग ले रहे हैं.
आपको जानकार हैरानी होगी डिफेंस एक्सपो के इस 10वें संस्करण में पहली बार रक्षा क्षेत्र में देश की ताकत को दिखाने के लिए अलग से ‘भारत पवेलियन’ बनाया गया है. इस प्रदर्शनी के जरिये यह दिखाने की कोशिश की गई है कि भारत रक्षा सिस्टम और उपकरणों के निर्यात में एक ब्रांड बनने की ओर अग्रसर है. खास बात यह है कि प्रदर्शनी में रक्षा क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले छोटे-छोटे उपकरण बनाने में भारत के निजी क्षेत्र की बढ़ती ताकत को दर्शाने की कोशिश की गई है.
154 अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने दिखाई अपनी रूचि
डिफेन्स एक्सपो 2018 में 517 भारतीय और 154 अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने अपने स्टाल लगाए हैं. प्रदर्शनी में हिस्सा ले रही भारतीय कंपनियों में टाटा, एल एंड टी, भारत फोर्ज, महिंद्रा, एमकेयू, डीआरडीओ, एचएएल, बीईएल, बीडीएल, बीईएमएल, एमडीएल, जीआरएसई, जीएसएल, एचएसएल, मिधानी और आयुध निर्माणी ने अपने-अपने स्टाल लगाए हैं.
तो वहीँ दुनिया की सबसे बड़ी कम्पनिया लॉकहीड मार्टिन, अमेरिका की बोइंग, स्वीडन की साब, एयर बस, फ्रांस की राफेल, रूस की यूनाइटेड शिप बिल्डिंग, ब्रिटेन की बीएई सिस्टम्स, इजराइल की सिबत, फिनलैंड की वािर्त्सला और जर्मनी की होर्डे एंड स्च्वार्ज ने यहां अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए स्टाल लगाए हैं.
मोदी राज में भारत की छुपी हुई प्रतिभा सामने आयी है, भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है. बढ़ती हुई जनसँख्या जो चीन की सबसे बड़ी परेशानी है, लेकिन भारत ने इस समस्या का सही इस्तेमाल किया है. भारत एक बाजार के रूप में उभर रहा है, दुनिया की दिग्गज कंपनियां भारत में निवेश कर रही हैं, भारत के लोगों को रोज़गार मिलेगा और हथियार बनने के बाद अमेरिका रूस, जापान , वियतनाम देशों को बेचने से भारत का भी शक्तिशाली देशों में नाम होगा.