कर्नाटक में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है वैसे-वैसे राजनीतिक दलों का प्रचार बढ़ता जा रहा है. जहाँ कांग्रेस पार्टी कर्नाटक में जातिवाद की राजनीत पर उतर आई है और वोट बैंक के लिए लिंगायत बिरादरी के लोगों को प्रलोभन भी देने को तैयार है.
वहीँ दूसरी तरफ बीजेपी मोदी सरकार की विकास की नीतियों का प्रचार के दम पर चुनाव मैदान में उतर रही है. इतना ही नहीं इस चुनाव में बीजेपी की जीत के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने भी बड़ी रणनीति बनाई है. जिसे जानकर कांग्रेस पार्टी के होश ही उड़ जाएंगे.
आपको बता दें कि आरएसएस के फुलटाइम स्वयंसेवक प्रणेश कर्नाटक में बीजेपी के लिए प्रचार करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. प्रणेश इस समय रोज सुबह-सुबह जल्दी उठकर मतदाताओं और बीजेपी के स्थानीय नेताओं से मिलने के लिए दक्षिण बेंगलुरु पहुंच जाते हैं.
मीडिया से बातचीत करते हुए प्रणेश ने बताया कि उन्होंने 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान भी बीजेपी के लिए बड़े पैमाने पर कैंपेन किया था और अब एक बार फिर से पार्टी के लिए वोट मांग रहे हैं.
इसी के साथ प्रणेश ने आगे कहा कि “बीजेपी एक स्वतंत्र राजनीतिक पार्टी है. आरएसएस समय-समय पर पार्टी या किसी विशेष उम्मीदवार के लिए प्रचार करने में सहायता प्रदान करता हैं. 2014 में भी हम उनके साथ थे. हम कर्नाटक में कांग्रेस को हराना चाहते हैं. पिछले पांच सालों में दो दर्जन से ज्यादा आरएसएस कार्यकर्ता मारे गए हैं. कांग्रेस सरकार ने हत्यारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है.
प्रणेश के अनुसार वो एक दिन में कम से कम 30-40 मतदाताओं से मिलते हैं. वहीँ छुट्टियों और सप्ताहांत के दौरान छोटी मीटिंग्स का भी आयोजन करते हैं. उन्होंने कहा कि कभी-कभी वो बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ जाते हैं लेकिन ज्यादातर वो अकेले ही प्रचार करते हैं.
प्रदेश के बीजेपी नेता ने न्यूज 18 इंडिया से बातचीत करते हुए कहा कि चुनाव के समय हर बूथ पर आरएसएस का कम से कम एक कार्यकर्ता होगा. कर्नाटक में 55,000 से ज्यादा मतदान केंद्र है. वे हर जगह मौजूद हैं. किसी दूसरे राजनीतिक दल के पास आरएसएस जैसा कोई कैडर नहीं हैं. इसका हमें फायदा मिलता है.